बिटकॉइन कैसे काम करता है

 


बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है जिसे विकेंद्रीकृत लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) के जरिए ऑनलाइन पे मैनेज किया जाता है। इसका मतलब है कि ये करेंसी को कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी (जैसी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया या फेडरल रिजर्व) नहीं कंट्रोल करता है। 


बिटकॉइन का इस्तेमाल पीयर-टू-पीयर ट्रांजैक्शन के लिए किया जाता है। इस्स करेंसी को बनाने के लिए 'माइनिंग' प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, जिस्मे शक्तिशाली कंप्यूटर जटिल गणितीय समस्याओं को हल करते हैं और इस प्रक्रिया के नए बिटकॉइन के माध्यम से बनाते हैं जाते हैं।


बिटकॉइन का वैल्यू सप्लाई और डिमांड पर निर्भर करता है। अगर कोई लोग इसको खरीदना चाहते हैं तो इसकी वैल्यू बढ़ेगी, और अगर कोई लोग इसे बेचना चाहते हैं तो इसकी वैल्यू घटेगी। 


बिटकॉइन की वैल्यू मार्केट में बहुत वोलेटाइल है, क्योंकि इसका इस्तेमाल अभी बहुत ही लिमिटेड है और इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं।


आप बिटकॉइन को खरीदें, बेचें और एक्सचेंज करने के लिए किसी भी ऑनलाइन एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर जा सकते हैं, जैसे कि कॉइनबेस, बाइनेंस और क्रैकन। आप बिटकॉइन को अपने बैंक अकाउंट से या क्रेडिट/डेबिट कार्ड से खरीद सकते हैं। 


आप बिटकॉइन को अपने डिजिटल वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं, जिस्मे आपको एक यूनिक एड्रेस मिलता है जिसे आप अपने बिटकॉइन को सेंड और रिसीव कर सकते हैं।

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